प्रदूषण स्तर पर लगाम लगाने की कवायद, 'ऑड-ईवन स्कीम' के यह है फायदे, पर यह सवाल बरकरार
प्रदूषण पर घिरी एनजीटी की कड़ी फटकार के बाद इस समस्या का समाधान निकालने की कवायद शुरू हो गई है। इस बीच, दिल्ली सरकार एक बार फिर ऑड-ईवन फार्मूले का राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने की तैयारी में है।
नई दिल्ली:
प्रदूषण पर घिरी एनजीटी की कड़ी फटकार के बाद इस समस्या का समाधान निकालने की कवायद शुरू हो गई है। इस बीच, दिल्ली सरकार एक बार फिर ऑड-ईवन फार्मूले को राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने की तैयारी में है।
इसके लिए दिल्ली सरकार ने 13-17 नवंबर तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने का ऐलान कर दिया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस बात का ऐलान किया है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रदूषण पर लगाम लगानी की दिल्ली सरकार की कोशिश 'ऑड-ईवन फॉर्मूले' की तारीफ भी की थी।
क्या होंगे ऑड-ईवन के फायदे?
प्रदूषण स्तर में आएगी कमी
सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि प्रदूषण स्तर में कमी आएगी। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एनजीटी ने भी इस पर चिंता जताते हुए सरकारों को फटकार लगाई थी।
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एनजीटी ने कहा, 'केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बता रहे हैं कि दिल्ली और एनसीआर की हवा में मौत छिपी है। बुधवार के आंकड़े के मुताबिक हवा में घुले खतरनाक सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा काफी बढ़ गई है। पीएम 10 जो कि आमतौर पर वातावरण में 100 तक होता है लगभग 10 गुणा ज़्यादा बढ़कर 986 पर पहुंच गया है। वहीं 2.5 लेवल के पीएम जो कि आमतौर पर 60 होता है लगभग 8 गुणा बढ़कर 420 पर पहुंच गया है। ये हालात लगभग पिछले एक सप्ताह से है।'
ईंधन का कम होगा इस्तेमाल
गाड़ियों को ऑड-ईवन फार्मूले के तह्त चलाने पर गाड़ियों का इस्तेमाल कम होगा जिससे ईंधन की बचत होगी। ईंधन ऐसा स्रोत है, जो समय के साथ खत्म हो जाएगा। ऐसे में इसकी बचत कर सरकार के साथ ही आमजनता को भी फायदा होगा।
वैसे भी सरकार समय-समय पर ईंधन की बचत के लिए कैंपेन चलाती रहती है ऐसे में सरकार के इस उपाय से एक तीर में दो शिकार हो सकेंगे और व्यापक बचत संभव हो सकेगी।
कार पूलिंग को मिलेगा बढ़ावा
एक ही रास्ते पर जाने वाले पड़ोसी, दोस्त और रिश्तेदार कार पूलिंग का सहारा लेने में हिचकिचाएंगे नहीं और इसके इस्तेमाल से ईंधन खर्च बचाना, ट्रैफिक कम होना जैसे कई फायदे शामिल होंगे।
ट्रैफिक से मिलेगी निजात
ऑड-ईवन स्कीम का एक यह भी फायदा है कि इससे सड़कों पर बढ़ते गाड़ियों का बोझ भी कुछ हल्का होगा जिसका असर ट्रैफिक कंडीशन पर होगा और ट्रैफिक कम होने में मदद मिलेगी।
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एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली की आबादी लगभग एक करोड़ 70 लाख है, जबकि वाहनो की संख्या है करीब एक करोड़ है। यहीं नहीं, एनसीआर और अन्य राज्यों से हर दिन लाखों गाड़ियां दिल्ली में प्रवेश करती हैं। इससे ट्रैफिक समस्या में कुछ तो राहत होगी।
कुछ नुकसान भी हैं साथ
1. कार पूलिंग एक अच्छा विकल्प है लेकिन कानून-व्यवस्था को देखते हुए यह कितना सुरक्षित है यह कह पाना मुश्किल हैं। जहां राजधानी दिल्ली-एनसीआर में रेप जैसे मामलों में कोई ख़ास कमी नहीं आई है ऐसे में कार-पूलिंग विकल्प पर कुछ संशय तो रहेगा ही।
2. ऑड-ईवन को भले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सराहा हो बावजूद इसके यह तत्कालिक उपाय ही है इससे लॉन्ग टर्म के लिए प्रदूषण समस्या से निजात मिलेगी ऐसा कह पाना मुश्किल है।
3. पराली जलाने से उठे प्रदूषण स्तर की समस्या ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने के बाद भी जारी रहेगी। इस समस्या का लॉन्ग टर्म उपाय निकालना अभी बाकी है।
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