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मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस हो सकता है रद्द, मंत्री सत्येंद्र जैन का बयान

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि मैक्स शालीमार बाग अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द होगा।

Updated on: 02 Dec 2017, 03:06 PM

highlights

  • सत्येंद्र जैन ने दिए संकेत रद्द हो सकता है मैक्स अस्पताल का लाइसेंस
  • जांच में दोषी पाए जाने पर रद्द होगा मैक्स अस्पताल का लाइसेंस 
  • स्वास्थ्य विभाग विस्तृत रिपोर्ट के बाद मंत्रालय करेगा फैसला 

 

नई दिल्ली:

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि मैक्स शालीमार बाग अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द होगा। 

इसकी प्राथमिक जांच रिपोर्ट सोमवार शाम तक आ जाएगी। इसके बाद एक हफ्ते में स्वास्थ्य विभाग विस्तृत रिपोर्ट देगा। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। यह नोटिस EWS मरीजों के ट्रीटमेंट में गड़बड़ी के खिलाफ जारी किया गया था। 

बता दें कि 1 दिसंबर को दिल्ली के शालीमार इलाके के मैक्स अस्पताल ने 30 नवंबर को जन्में दो जुड़वा बच्चों को मृत घोषित कर दिया था। बच्चे को दफनाने के लिए ले जाने के दौरान रास्ते में परिजनों को अहसास हुआ कि एक बच्चा जिंदा है।

इस मामले पर IPC की धारा 308 के तहत केस दर्ज कर लिया गया था। इस घटना के बाद मैक्स हेल्थकेयर अथॉरिटी ने इसे दुभाग्यपूर्ण बताया था और मामले से जुड़े डॉक्टर को छुट्टी पर जाने का आदेश दे दिया था।

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घटना की जांच और ज़रुरी कार्रवाई के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी आदेश जारी किए थे। 

जुड़वा बच्चों के नाना, प्रवीण ने बताया, 'मेरी बेटी मंगलवार को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। दो दिन बाद सी-सेक्शन डिलीवरी के दौरान शाम 7.30 बजे उसने पहले एक बेटे और 12 मिनट बाद एक बेटी को जन्म दिया था।' 

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उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ने बताया था कि पैदा हुई बेटी की मौत हो चुकी है और बेटे की हालात गंभीर है, उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। इसके बाद अस्पताल ने बताया कि बेटे को भी बचाया नहीं जा सका।

इसके बाद जब वो बच्चों को दफनाने के लिए ले जा रहे थे तब लगा कि बेटा ज़िंदा है। नवजात बच्ची का शव दफनाने के बाद परिवारवालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

डॉक्टर्स ने जुड़वा बच्चों के शव प्लास्टिक के बैग में पार्सल की तरह पैक करके परिवारवालों को सौंप दिए थे।

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