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गाजियाबाद में एनकाउंटर का दौर जारी, बिल्डर एसपी सिंह की हत्या में शामिल एक आरोपी गिरफ्तार

बिल्डर एसपी सिंह की हत्या करने वाले एक बदमाश की मुखबिरी मिलने पर गाजियाबाद पुलिस ने जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया।

Updated on: 16 Dec 2017, 07:52 AM

गाजियाबाद:

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लगातार दिन एनकाउंटर जारी है। शुक्रवार देर रात बिल्डर एसपी सिंह की हत्या करने वाले एक बदमाश की मुखबिरी मिलने पर गाजियाबाद पुलिस ने जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया।

साहिबाबाद इलाके की वजीराबाद रोड के पास शालीमार गार्डन में पुलिस और बदमाशों का आमना-सामना हुआ। यहां पर सैफ नाम का बदमाश अपने एक साथी जखी के साथ बाइक पर आया था। लेकिन पहले से उसका इंतजार कर रही पुलिस ने उसे रोका तो सैफ ने पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस ने भी जवाबी फायर किया, जिसमें सैफ के पैर में गोली लगी।

हालांकि इस दौरान उसका साथी जखी फरार हो गया। पुलिस ने सैफ की पिस्टल बरामद कर ली है। सैफ को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। मौके पर उसकी बाइक भी मौजूद थी। मुठभेड़ में लोकेंद्र नाम का एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है। वह भी अस्पताल में भर्ती है ।

बिल्डर एस पी सिंह की हत्या में वांटेड

घायल बदमाश 9 नवंबर को हुई शालीमार इलाके के बिल्डर एस पी सिंह की हत्या के मामले में वांटेड है। इसके कुछ साथी पहले ही पकड़े गए हैं। 2 दिन पहले भी इसका एक साथी मुश्ताक एनकाउंटर में पुलिस की गोली का शिकार हुआ था, और उसे पकड़ लिया गया था।

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योगी सरकार के आने के बाद बढ़े एनकाउंटर

राज्य के मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि बदमाशों को यमराज तक पहुंचाएंगे। ऐसा लगता है कि गाजियाबाद पुलिस मुख्यमंत्री के इस बयान को पूरा करने में जुट गई है। 

गाजियाबाद में पिछले 3 दिनों में 3 एनकाउंटर हुए हैं। जिनमें तीन बदमाश पकड़े गए हैं और इसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

गाजियाबाद के उप पुलिस कप्तान हरि नारायण सिंह से लगातार एनकाउंटर की वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'पुलिस तो कोशिश करती है कि बदमाश को बिना गोली मारे पकड़ा जाए। लेकिन बदमाश पुलिस पर फायर कर देते हैं।'

साहिबाबाद की ही बात करें तो करीब 2 महीने में 5 एनकाउंटर यहां किए हो चुके हैं। जबकि पूरे गाजियाबाद में दर्जन भर से ज्यादा एनकाउंटर पुलिस कर चुकी है। 

हालांकि एक एनकाउंटर में पुलिस की थ्योरी पर सवाल भी उठे थे । लेकिन पुलिस का यह कहना है कि बदमाशों की असली जगह सलाखों के पीछे हैं, चाहे उसके लिए उन्हें गोली मारकर ही क्यों ना पकड़ा जाए। 

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