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बुराड़ी कांड: छोड़िये कहानी, पढ़िए 11 लोगों की मौत का सच पुलिस की ज़ुबानी

एफआईआर के मुताबिक दिल्ली पुलिस को सुबह 07:25 पर फोन पर बताया गया कि गोविन्द अस्पताल के सामने संत नगर गली नंबर 2 बुराड़ी में परिवार के लोगों ने ख़ुदकुशी कर ली है।

Updated on: 03 Jul 2018, 02:39 PM

नई दिल्ली:

बुराड़ी कांड को लेकर अब तक आपने कई कहानियां सुनी। एक तरफ इसे सामूहिक आत्महत्या बताया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ परिवार के सदस्यों का कहना है कि यह मामल हत्या का है।

ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि हक़ीकत क्या है। आइए पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इस पूरी घटना को सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं।

एफआईआर के मुताबिक दिल्ली पुलिस को सुबह 07:25 पर फोन पर बताया गया कि गोविन्द अस्पताल के सामने संत नगर गली नंबर 2 बुराड़ी में परिवार के लोगों ने ख़ुदकुशी कर ली है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर रवाना हो गई।

सब इंस्पेक्टर जब फर्स्ट फ्लोर पे पहुंचे तो देखा जाले से ढका हुआ घर के आंगन में 10 लोग फांसी से लटक रहे थे। इनमें से 4 पुरुष और 6 महिलाएं थी। 9 लोग छत में लगे जाले की छड़ से दुपट्टा और टेलीफोन की तार में लटके हुए थे। वहीं 1 औरत आंगन की रोशनदान में दुपटटा और टेलीफोन की तार में लटकी मिली। इसके अलावा साथ वाले कमरे की अलमारी के पास से एक बुज़ुर्ग महिला की लाश मिली।

मरने वाले 9 लोगो के नाम ललित (42), भुवनेश (46), सविता (पत्नी भुवनेश 42), टीना (पत्नी ललित उम्र 38), नीतू (भुवनेश की बेटी उम्र 24), मोनू (भुवनेश की बेटी उम्र 22), प्रियंका (लेट हरिंदर की बेटी उम्र 30), ध्रुव ( भुवनेश का बेटा उम्र 12 साल ), शुभम (ललित का बेटा 12 साल ) है।

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वहीं रौशनदान से लटकी महिला का नाम प्रतिभा (हरिंदर की पत्नी) और कमरे में फर्श पर पड़ी बुजुर्ग महिला नारायणी (मृतक भोपाल सिंह की पत्नी उम्र 80 साल) सबके गले पर लिगेचर निशान थे और नारायणी के गले पर पार्शल लिगेचर मार्क्स थे।

मृतक ललित का हाथ और मुंह, मृतक शुभम का मुंह, हाथ और आंख, मृतक टीना का मुंह, मृतक भुवनेश के पैर और आंखों पर पट्टी बंधी थी। मृतक प्रियंका के हाथ, मुंह और आंखे, मृतक नीतू के हाथ पैर और मुंह, मृतक सविता के पैर मुंह और आंखे, मृतक मोनू के पैर, मृतक ध्रुव के पैर मुंह और आंखे बंधी थी। वहीं मृतक प्रतिभा के कमर से हाथ बंधे हुए थे।

अब तक कि जांच में ऐसा लगता है कि इसमें किसी तांत्रिक का हाथ नहीं है, हालांकि क्राइम ब्रांच परिवार के सभी लोगों की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। घर का दरवाजा जिस तरह से खुला पाया गया वो शक ज़रूर पैदा करता है क्योंकि आत्महत्या दरवाजा बंद करके होती है।

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पुलिस को शक है कि कहीं कोई तांत्रिक घर आकर निकल तो नहीं गाया। मगर सवाल यह है कि कोई तांत्रिक इतने लोगों को मौत के मुंह में क्यों धकेलेगा, आख़िर उसका क्या मकसद हो सकता है।

हालांकि पुलिस को अब तक किसी बाहरी के घर पर आने के सबूत नहीं मिले हैं।

ऐसे में रजिस्टर में लिखी गई बातों से आत्महत्या क शक़ गहराता जा रहा है। रजिस्टर के नोट में लिखा है, 'सब लोग अपने अपने अपने हाथ खुद बांधेंगे और जब क्रिया हो जाये तब सभी एक दूसरे की हाथ खोलने में मदद करेंगे।'

रजिस्टर में लिखे इस कथन से लगता है कि परिवार यह मान कर चल रहा था कि इस क्रिया के बाद सब लोग सुरक्षित बच जाएंगे। परिवार के लोग इसे एक खेल या अंधविश्वास के डेमो की तरह देख रहे थे। उन्हें लग रहा होगा वो ये क्रिया कर ज़िंदा बच जाएंगे। बुज़ुर्ग महिला ने भी बेड से सटी अलमारी में बेल्ट और चुन्नी के सहारे फांसी लगाई लेकिन मौत के बाद वो बेड से उल्टी गिर गयी।

अभी तक कि जांच के मुताबिक ललित इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड लगता है।

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