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टीम इंडिया में शास्त्री-कोहली के युग की शुरुआत, क्या वर्ल्ड कप-2019 खेलेंगे धोनी?

महेंद्र सिंह धोनी 2019 का वर्ल्ड कप खेलना चाहते हैं और इस बारे में वह कई बार अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं। दूसरी ओर रवि शास्त्री ने फिलहाल इस पर कोई संकेत नहीं दिया है लेकिन इंकार भी नहीं किया है।

Updated on: 13 Jul 2017, 10:40 AM

नई दिल्ली:

विराट कोहली से मनमुटाव और फिर अनिल कुंबले की विदाई के बाद रवि शास्त्री की बतौर टीम इंडिया कोच वापसी ने एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। रवि शास्त्री और विराट कोहली की जुगलबंदी जगजाहिर है, ऐसे में तय है कि टीम इंडिया में कई बदलाव भी होंगे। खासकर, वर्ल्ड कप-2019 की तैयारी को लेकर कई उठापटक संभव हैं।

आईए, हम आपको बताते हैं कि नए कोच और कोहली के साथ आने से क्या हो सकते हैं टीम में बदलाव और कैसी होगी नई टीम

क्या होगी धोनी की विदाई: यह सबसे दिलचस्प और बड़ा सवाल है। महेंद्र सिंह धोनी 2019 का वर्ल्ड कप खेलना चाहते हैं और इस बारे में वह कई बार अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं। दूसरी ओर रवि शास्त्री ने फिलहाल इस पर कोई संकेत नहीं दिया है लेकिन इंकार भी नहीं किया है।

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कोच बनने के बाद इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में रवि शास्त्री ने कहा, '2019 में अभी वक्त है। दोनों चैम्पियन क्रिकेटर हैं। जब समय आएगा, तब हम उनसे बात करेंगे। मैं कप्तान से बात करूंगा और फिर हम आगे की योजनाओं पर काम करेंगे।'

गौरतलब है कि कुछ साल पहले शास्त्री ने ही धोनी को कप्तानी छोड़ने की सलाह भी दी थी। शास्त्री ने कहा था, 'मेरी धोनी को सलाह है कि अब वक्त आ गया है कि वो प्रेशर झेलने के बजाए अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठाएं और विराट कोहली को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी सौंप दे। क्योंकि धोनी की कप्तानी में अब वो भूख नहीं दिखाई देती।'

क्या युवराज, अश्विन का भी कटेगा पत्ता: चैम्पियंस ट्रॉफी में युवराज ने चार पारियों में 105 रन बनाए। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ हाफ सेंचुरी भी लगाई। इसके बावजूद जानकार मानने लगे हैं कि उनके खेल पर उम्र का असर दिखने लगा है।

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साल 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वर्ल्ड कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह जब से कैंसर की बीमारी से ठीक होकर आए हैं, उसके बाद से उनकी फिटनेस भी पहले जैसी नहीं रही है। साथ ही प्रदर्शन भी ऊपर-नीचे होता रहा है। ऐसे में युवराज सिंह का टीम से बाहर होना लगभग पक्का माना जा सकता है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि रविचंद्रन अश्विन कई बार भारत के लिए मैच जीताने वाले गेंदबाज साबित हुए हैं। लेकिन भारतीय महाद्वीप से बाहर उनके प्रदर्शन पर हमेशा सवाल उठे हैं। साथ ही धोनी से अश्विन का रिश्ता भी उनकी राह मुश्किल कर सकता है।

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