logo-image

घरेलू क्रिकेट में एसजी गेंद का ही इस्तेमाल करेगी बीसीसीआई

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तकनीकी समिति ने सोमवार को फैसला किया है कि वह घरेलू क्रिकेट में एसजी गेंद का ही इस्तेमाल करेगी।

Updated on: 17 Apr 2018, 07:40 AM

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तकनीकी समिति ने सोमवार को फैसला किया है कि वह घरेलू क्रिकेट में एसजी गेंद का ही इस्तेमाल करेगी। बोर्ड ने कहा कि उसने यह फैसला कोच और कप्तानों के कॉनक्लेव में ही ले लिया था जिसे अब अंतिम मंजूरी के लिए आम सभा में भेजेगी।

यहां एक होटल में हुई बैठक के बाद बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने इस बात पर सोचा और इसकी सिफारिश की है। मैं इस बात की गहराई में नहीं जाना चाहता, लेकिन अभी यह कहना उपयुक्त है कि हमने इसके लिए जितना हो सकता है प्रयास किया है।'

उन्होंने कहा, 'समय के साथ हम क्रिकेट के अपने उत्पादों का उपयोग करेंगे और जहां तक है कोशिश करेंगे कि इसे जारी रख सकें, लेकिन कुछ निश्चित टूर्नामेंट में निश्चित छूट देनी पड़ सकती है वो भी तब तक जब तक हम आईसीसी को अपनी बनाई हुई गेंद से खेलने के लिए मना नहीं लेते तब तक इसमें भारत में खेले जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मैच भी शामिल होंगे।'

मार्च में हुए बीसीसीआई कॉनक्लेव में कई टीमें रणजी ट्रॉफी में एसजी टेस्ट गेंद के इस्तेमाल से काफी खुश थीं, लेकिन अधिकतर टीमों ने सफेद गेंद के टूर्नामेंट के लिए एसजी ग्लेस गेंद के इस्तेमाल की सिफारिश की थी।

बीसीसीआई ने दो साल पहले घरेलू सीमित ओवर टूर्नामेंट में कुकाबुरा टर्फ गेंद का इस्तेमाल किया था जिसका मकसद खिलाड़ियों को इस गेंद से अभ्यास कराना था क्योंकि यह गेंद इंडियन प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट में और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उपयोग में ली जाती है।

इस साल की शुरुआत में हालांकि बोर्ड ने सयैद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट में एसजी गेंद का ही इस्तेमाल किया था। बोर्ड का यह फैसला कई टीमों के रास नहीं आया था।

बीसीसीआई ने सभी 28 टीमों के प्रशिक्षकों और कप्तानों से इसके अलावा चार अन्य मुद्दों पर राय मांगी थी।

इसके अलावा बोर्ड ने रणजी ट्रॉफी में होम एंड अवे प्रारुप, रणजी में पहली बार चार समूह का उपयोग। विजय हजारे प्रारुप, मुश्ताक अली में सुपर लीग प्रारुप पर भी प्रशिक्षकों और कप्तानों से राय मांगी थी।

चौधरी ने कहा कि ज्यादतर सिफारिशों को मान लिया गया और आम सभा में इन्हें रखा जाएगा।

चौधरी ने कहा कि दलीप ट्रॉफी दिन-रात प्रारूप में ही खेली जाएगी और इसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल जारी रहेगा।

इस बैठक में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष सौरव गांगुली, जीएम (क्रिकेट संचालन) सबा करीम और मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के प्रसाद मौजूद थे।