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अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से अवमानना के मामले में बिना शर्त माफी मांगी

अनुराग ठाकुर ने अपने हलफनामे में कहा है कि अगर कोर्ट को लगता है कि उन्होंने न्यायालय के आदेशों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की है तो वह बिना शर्त माफी मांगते हैं।

Updated on: 16 Feb 2017, 08:29 AM

highlights

  • अनुराग ठाकुर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का है आरोप
  • आरोप साबित हुए तो जेल जा सकते हैं अनुराग, मामले की अगली सुनवाई मार्च में संभव

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने के लिए हलफनामा दायर कर बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ठाकुर ने 10 फरवरी को दायर अपने हलफनामे में कहा है कि अगर कोर्ट को लगता है कि उन्होंने न्यायालय के आदेशों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की है तो वह बिना शर्त माफी मांगते हैं।

क्या है मामला-

लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने संबंधी एक आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 जुलाई को दिया था, जिसे बीसीसीआई लागू ने लागू नहीं किया। इसके बाद अड़ियल रुख अपनाए बीसीसीआई के खिलाफ तीखे तेवर अपनाते हुए कोर्ट ने ठाकुर को पद से हटाने के साथ ही नोटिस भी जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर से पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए? इस केस में अगर आरोप साबित होते हैं तो ठाकुर को जेल भी जाना पड़ सकता है।

अनुराग ठाकुर पर आरोप है कि पिछले साल लोढ़ा कमेटी को लागू करने संबंधी कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने आईसीसी के अध्यक्ष शशांक मनोहर को कहा था कि ICC ऐसा पत्र जारी करे जिसमें लिखा हो कि अगर लोढ़ा पैनल को इजाजत दी जाती है तो इसे बोर्ड के काम में सरकारी दखलंदाजी माना जाएगा और साथ ही बीसीसीआई की सदस्यता रद्द भी हो सकती है। हालांकि, ठाकुर ने इस आरोप से इनकार किया था।

जबकि ठाकुर के अनुसार, उन्होंने सिर्फ ICC के अध्यक्ष शशांक मनोहर से दुबई में इस मुद्दे पर सिर्फ उनका पक्ष पूछा था, क्योंकि बीसीसीआई का अध्यक्ष रहते वक्त उनकी यही राय थी। कोर्ट के अवमानना के इस पूरे मामले की अगली सुनवाई मार्च में हो सकती है। 

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