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अब दिल्ली वाले भी सीखेंगे मैथिली भाषा, मैथिली भोजपुरी अकादमी जल्द शुरू करेगा कोर्स

मैथिली भोजपुरी अकादमी आने वाले समय में मैथिली भाषा का कोर्स शुरू करने पर विचार कर रहा है।

Updated on: 18 Mar 2018, 11:00 AM

नई दिल्ली:

मैथिली भोजपुरी अकादमी आने वाले समय में मैथिली भाषा का कोर्स शुरू करने पर विचार कर रहा है। दिल्ली-देश भर में बसे लोगों को दुनिया की सबसे मीठी भाषा सिखाने के पीछे उद्देश्य यह है कि लोग इस भाषा से परिचित हों और यहां की संस्कृति-साहित्य-सभ्यता को समझने में उन्हें मदद मिले।

इसके साथ ही आने वाले समय में मिथिलाक्षर सिखाने पर भी चर्चा की जा रही है। हालांकि इसका प्रारूप फिलहाल तय नहीं किया गया है। मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष नीरज पाठक ने यह जानकारी दिल्ली में आयोजित पहले मैथिली लिटेरेचर फेस्टिवल में दी।

शुक्रवार से रविवार तक जनपथ स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में तीन दिन चलने वाले इस महोत्सव का आयोजन मैथिली भोजपुरी अकादमी, मैथिली लेखक संघ और मैथिल पत्रकार समूह की ओर से किया जा रहा है। करीब एक दर्जन अन्य मैथिली संस्था भी इसमें सहभागी हैं।

इस अवसर पर रंगकर्मी प्रकाश झा और कई पुस्तकों का मैथिली में अनुवाद कर चुके रोशन कुमार झा द्वारा अनूदित पुस्तकों को नीरज पाठक और सभा में उपस्थित मैथिल साहित्यकारों ने लोकार्पित भी किया।

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नीरज पाठक ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में लाखों मैथिली-भोजपुरी परिवार हैं। ऐसे में अगर यह कहें कि दिल्ली में मैथिली और भोजपुरी दूसरी प्रमुख भाषा बन गई है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। ऐसे में न केवल यहां के निवासियों बल्कि अन्य लोगों के लिए भी यह कोर्स हो, इस पर विचार किया जा रहा है।

इस भाषा को सीखने के बाद लोग मिथिलांचल की पुरातन-समृद्ध संस्कृति, साहित्य और समाज को समझने के साथ ही वहां के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल का दिल्ली में आयोजन और इसमें शामिल होने आए लोगों की बड़ी संख्या ने यह सिद्ध किया है कि देश के दिल दिल्ली में मैथिली की धमनियां किस तरह से धड़क रही हैं।

इस अवसर पर मैथिल पत्रकार समूह के महासचिव संतोष ठाकुर ने कहा कि दिल्ली सहृदयी है। यहां पर हर भाषा, साहित्य, वर्ग, समाज को न केवल जगह मिली है बल्कि दिल्ली ने उन्हें सिर-आंखों पर भी बिठाया है।

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दिल्ली के बाहरी परिधि वाले इलाकों में मिथिलांचल के लोग इतनी संख्या में है कि बदरपुर, संगम विहार, आया नगर, पालम, नजफगढ़, किराड़ी, मंगोलपुरी, बुराड़ी, भजनपुरा, लोनी, विनोद नगर जैसे इलाको में अगर शाम को कोई चला जाए तो लगेगा कि वह मिथिलांचल में आ गया है।

ऐसे में मैथिली बोलचाल के कोर्स को शुरू करने में मैथिल पत्रकार समूह भी अपना सहयोग करेगा। इसके साथ ही मैथिल पत्रकार समूह आने वाले समय में मिथिलांचल के लोगों के लिए हेल्पलाइन शुरू करने के साथ ही जरूरतमंद बच्चों के लिए किताब आदान-प्रदान-दान कार्यक्रम शुरू करने वाला है।

मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजन समिति के संयोजक विनोद कुमार झा ने कहा कि इस तीन दिनी कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को लोकगायन, मैथिली लोकनाटय विमर्श, अंतरराष्ट्रीय मैथिली विमर्श, सांस्कृतिक संस्था की संस्कृति पर परिचर्चा होगी।

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