GST: 28% दर में रह गईं सिर्फ 50 वस्तुएं, जानें क्या हैं नये रेट
जीएसटी पर सरकार की इस घोषणा के बाद अब सिर्फ 50 आइटम ऐसे हैं जो 28 फीसदी के स्लैब में रह गए हैं। घोषित की गईं नई दरें 15 नवंबर से लागू होंगी।
नई दिल्ली:
जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। जिसमें 200 से अधिक वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव करने की घोषणा की है। जिसमें से 178 आइटम ऐसे हैं जिन्हें 28 फीसदी के स्लैब से 18 फीसदी के स्लैब में लाया गया है।
सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों को फायदा हुआ है। सरकार की इस घोषणा के बाद अब सिर्फ 50 आइटम ऐसे हैं जो 28 फीसदी के स्लैब में रह गए हैं। घोषित की गईं नई दरें 15 नवंबर से लागू होंगी।
आइये जानते हैं किन वस्तुओं पर लगेगा 28 फीसदी जीएसटी-
इस स्लैब में एसी-फ्रिज, वॉशिंग मशीन, पान मसाला, सॉफ्ट ड्रिंक, तंबाकू, सिगरेट, सीमेंट, पेंट, एयर कंडीशनर, परफ्यूम, वैक्यूम क्लीनर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कार, दोपहिया वाहन और विमान रहेंगे।
जिन वस्तुओं को 28 फीसदी के स्लैब से हटाकर 18 फीसदी में लाया गया है वो इस प्रकार हैं-
इलेक्ट्रिकल आइटम्स
लैंप और लाइट फिटिंग के सामान, डिस्ट्रीब्यूशन इलेक्ट्रिक बोर्ड, इलेक्ट्रिक कंट्रोल, इलेक्ट्रिक कैबिनेट, वायर, केबल, इंसुलेटेड कंडक्टर, इलेक्ट्रिक इंसुलेटर, पैनल, कंसोल, इलेक्ट्रिक प्लग, स्विच, रिले, इलेक्ट्रिक कनेक्टर्स, पंप्स, कंप्रेसर, सॉकेट और फ्यूज व अन्य उपकरण शामिल हैं।
इसके अलावा रेडियो और टेलीविजन ब्रॉडकास्ट के उपकरण, साउंड रिकॉर्डिंग उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन भी शामिल है।
कंस्ट्रक्शन आइटम्स
शॉवर, सिंक, वॉशबेसिन, सेनेटरी वेयर, सभी प्रकार के सिरेमिक टाइल, सीट्स जैसे प्लास्टिक के सामान, पार्टिकल या फाइबर बोर्ड या प्लाईवुड। इसके अलावा कपड़े, चमड़े के कपड़ों के सामान, संगमरमर, ग्रेनाइट के बने सामान, सीमेंट, कंक्रीट और कृतिम पत्थर भी शामिल है।
ट्वायलेटरीज़
हेयर क्रीम, हेयर डाई, शेविंग के सामान, रेजर और रेजर ब्लेड, डियोड्रेंट, परफ्यूम, ट्रैवलिंग बैग, हैंडबैग, शैंपू, मेकअप के सामान, कलाई घड़ी, घड़ी और वॉच केस। इसके साथ ही डिटर्जेंट, धुलाई और सफाई में इस्तेमाल में काम आने वाले सामान शामिल हैं।
किचेनवेयर और इससे जुड़ी दूसरी वस्तुएं
कोको बटर, फैट और तेल, कटलरी, स्टोव, कुकर और नॉन इलेक्ट्रिक डोमेस्टिक एप्लायंसेज़ में बदलाव हुआ है।
फर्नीचर
ऑफिस, डेस्क इक्विपमेंट, फर्नीचर और गद्दे व बिस्तर शामिल हैं।
मशीनें
अग्निशमक उपकरण, बुलडोजर्स, लोडर, सभी प्रकार के संगीत उपकरण और उससे जुड़े सामान, रोड रोलर्स, एस्केलेटर और कूलिंग टॉवर शामिल हैं।
अन्य वस्तुएं
चॉकलेट, च्यूइंग गम, सूटकेस, ब्रीफकेस, ट्रंक (लोहे का बक्सा), फैन, प्लास्टिक के सामान, लकड़ी के बने सामान और लकड़ी के फ्रेम। इसके अलावा कृत्रिम फूल, पत्ते और कृत्रिम फल, पाउडर, चश्मे और दूरबीन, रबर ट्यूब और रबर के बने तरह तरह के सामान, चश्मे और दूरबीन, रबर ट्यूब और रबर के बने तरह तरह के सामान शामिल हैं। इसके साथ ही कंक्रीट और कृत्रिम पत्थर से बने सामान, वॉल पेपर, ग्लास शामिल हैं।
अब इन वस्तुओं पर 18 की जगह 12 फीसदी लगेगा जीएसटी-
प्रिंटिंग इंक, टोपी, डायबिटीज़ के मरीजों का भोजन, जूट, कॉटन के बने हैंड बैग और शॉपिंग बैग, रिफाइंड सुगर और सुगर क्यूब, गाढ़ा किया हुआ दूध, कृषि, बागवानी, वनों से जुड़ी वस्तुएं और सेवा, कटाई मशीनें और उनके सामान, पास्ता और सिलाई मशीन का सामान शामिल हैं।
वे वस्तुएं जिन्हें 18 से 5 फीसदी जीएसटी के स्लैब में लाया गया-
पफ्ड राइस चिक्की, पीनट चिक्की, खाजा, काजू कतली, ग्राउंडनट स्वीट गट्टा, कुलिया, सीसम चिक्की, रेवड़ी, तिलरेवड़ी, नारियल का बुरादा, इडली और डोसा, तैयार चमड़ा, चमड़े से बने सामान, फ्लाई एश, चटनी पाउडर, कपास के बुने हुए कपड़े, फिशिंग से जुड़े सामान शामिल हैं।
और पढ़ें: राहुल गांधी आज से तीन दिवसीय उत्तर गुजरात की यात्रा पर
इसके अलावा उत्पादकों को कंपोजिशन स्कीम के तहत 2 फीसदी की जगह 1 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया है। जो ट्रेडर के रेच के बराबर हो गया है।
रेस्त्रां के कंपोजिशन स्कीम के तहत लगने वाले 5 फीसदी टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कंपोज़िशन स्कीम में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिये जीएसटी ऐक्ट में बदलाव करना होगा।
और पढ़ें: GST परिषद में कारोबारियों की मिली राहत, आयकर भरने के नियम हुए सरल
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल