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बिक्री में अचानक उछाल दिखाने वाली कंपनियों पर सरकार की नज़र

नोटबंदी के बाद जिन फर्मों ने अपनी नकदी बिक्री में अचानक उछाल दिखाया है उन पर आयकर विभाग की कड़ी निगाह है। विभाग ने किसी तरह की संभावित टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।

Updated on: 24 Feb 2017, 12:28 AM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद जिन फर्मों ने अपनी नकदी बिक्री में अचानक उछाल दिखाया है उन पर आयकर विभाग की कड़ी निगाह है। विभाग ने किसी तरह की संभावित टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।

आयकर निभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नकदी बिक्री में अचानक आए उछाल के हर मामले में सम्बद्ध कंपनी, उपक्रम या कारोबारी फर्म के पिछले महीनों के आंकड़ों से मेल किया जाएगा। ताकि यह तय किया जा सके कि कारोबारी ने बिक्री के नाम पर कालेधन को सफेद करने की कोशिश तो नहीं की है।

इनकम टैक्स अधिकारियों के निशाने पर वे फर्म हैं, जिन्होंने नोटबंदी की घोषणा के बाद अपनी नकदी बिक्री या थोक खरीद में अचानक उछाल दिखाया है।

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केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी और 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था।

अधिकारी के अनुसार ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें फर्मों ने बिक्री में बढ़ोतरी या भंडार बेचने का हवाला देते हुए अधिक टैक्स जमा करवाया। अधिकारी अब उनके नकदी लेनदेन का सामान्य कारोबार से मेल करेंगे।

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इस तरह की फर्मों की मासिक बिक्री के आंकड़ों को देखा जाएगा। अधिकारियों के अनुसार इस पहल का उद्देश्य यही है कि नोटबंदी के दौरान कोई कंपनी कारोबार बिक्री की आड़ में कालेधन को सफेद न कर पाए।

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