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नेपोटिज्म पर बोली सौंदर्या, प्रतिभा मायने रखती है और यही आपकी आवाज बनेगी

सौंदर्या का मानना है कि बड़े सितारों के बच्चों पर खुद को साबित करने का ज्यादा दबाव होता है। उन्होंने कहा, 'स्टार के बच्चों पर ज्यादा दबाव होता है क्योंकि उनसे काफी उम्मीदें होती हैं और अगर हम अच्छा नहीं कर पाते तो वापसी करना मुश्किल होता है।'

Updated on: 25 Jul 2017, 11:22 AM

नई दिल्ली:

नेपोटिज्म यानी परिवारवाद इन दिनों सुर्खियों में है, एेसे में आगामी फिल्म 'वीआईपी-2 ललकार' को निर्देशित करने वाली फिल्मकार सौंदर्या रजनीकांत का कहना है कि फिल्मी परिवार व पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने पर भी प्रतिभा मायने रखती है।

फिल्मी दुनिया में परिवारवाद आजकल सुर्खियों में बना हुआ है। सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, 'आखिरकार प्रतिभा ही टिके रहने वाली है और यही आपकी आवाज बनेगी..इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस परिवार या पृष्ठभूमि से आते हैं, अगर आपमें प्रतिभा नहीं हो तो लोग आपको स्वीकार नहीं करेंगे।'

सौंदर्या का मानना है कि बड़े सितारों के बच्चों पर खुद को साबित करने का ज्यादा दबाव होता है। उन्होंने कहा, 'स्टार के बच्चों पर ज्यादा दबाव होता है क्योंकि उनसे काफी उम्मीदें होती हैं और अगर हम अच्छा नहीं कर पाते तो वापसी करना मुश्किल होता है।'

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फिल्मकार ने कहा कि आखिरकार प्रतिभा व योग्यता की ही अहमियत होती है। सौंदर्या के मुताबिक, 'मुझे लगता है कि आखिरकार सिर्फ प्रतिभा ही मायने रखती है और अगर यह आपके पास है तो फिर आप किसी भी पृष्ठभूमि से आने पर यहां टिक सकते हैं।'

'वीआईपी-2' फिल्म 'वीआईपी' का सीक्वल है। कलाइपुली एस. थानु निर्देशित फिल्म में काजोल, अमाला पॉल, विवेक सरान्या और समुथिरकानी जैसे कलाकार भी हैं।

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