Kishore Kumar BirthDay Special: हुकुम के मोहताज नहीं थे किशोर दा, इंदिरा गांधी ने लगाया गानें पर बैन, पढ़ेंं उनके अनकहे किस्से
किशोर कुमार ने 40 साल तक अपनी सदाबहार आवाज से फिल्मों को गुलजार किया।
नई दिल्ली:
'जिंदगी एक सफर है सुहाना', 'एक लड़की भीगी भागी सी', 'मेरे महबूब कयामत होगी', 'फिर सुहानी शाम ढली', 'आने वाला पल', 'मेरे दिल में आज क्या है, 'चला जाता हूं किसी की धून में धड़कते दिल के तराने लिए....' समेत तमाम हिट गाने देने वाले किशोर आज भी अपनी आवाज के जरिए सभी के दिलों में जिंदा हैं।
जब बात एक ही व्यक्ति में गायक, संगीतकार, अभिनेता, निर्माता और लेखक जैसी बहुमुखी क्षमता की हो तो एक ही नाम याद आता है, किशोर कुमार।
एक सदाबहार कलाकार, जिसने कला के हर क्षेत्र में अपना हुनर ना सिर्फ दिखाया बल्कि नई मिसाल पेश की। किशोर कुमार ने 40 साल तक अपनी सदाबहार आवाज से फिल्मों को गुलजार किया। इनकी गायकी की खासियत थी हरफनमौला अंदाज जिसकी नकल करने की कोशिशें, तो खूब हुईं, लेकिन कोई भी कामयाब नहीं हो सका।
4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे आभास कुमार गांगुली ने फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान किशोर कुमार के नाम से बनाई है। आखिरी समय में खंडवा जाने की इच्छा रखने वाले किशोर दा का 13 अक्टूबर 1987 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
आइए आज उनके 89वें जन्मदिन पर उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से बताते है।
आपातकाल के दौरान गानों पर लगा दिया गया था बैन
किशोर कुमार अपने उसूलों के पक्के आदमी थे। वह किसी के हुकुम के मोहताज नहीं थे और यह बात उन्होंने खुद कही थी। दरअसल 1975 में जब इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी तो इसका शिकार किशोर कुमार भी हुए थे। उस दौरान किशोर ऑल इंडिया रेडियो पर प्रोग्राम किया करते थे। कांग्रेस सरकार चाहती थी उनकी छवि सुधारने के लिए किशोर इंदिरा गांधी के लिए गाए, पर उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद तमतमा कर संजय गांधी ने तीन साल तक के लिए दूरदर्शन और एआईआर पर उनके गाने बैन कर दिये थे।
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राजेश खन्ना से थी गहरी दोस्ती
राजेश खन्ना के सुपरस्टार बनने के पीछे संगीतकार आर डी बर्मन और गीतकार किशोर कुमार का बड़ा हाथ है। किशोर कुमार ने राजेश खन्ना के लिए जितने भी गीत गाये, उनकी बदौलत राजेश खन्ना सुपर स्टार की सीढियां चढ़ते चले गए। राजेश खन्ना ने एक बार खुद भी कहा था कि मेरे सफलता के पीछे किशोर कुमार है। राजेश फिल्म निर्माताओं से किशोर से ही अपने लिए गीत गंवाने की गुजारिश किया करते थे। जब किशोर कुमार नहीं रहे तो राजेश खन्ना ने कहा था, 'मेरी आवाज चली गई।'
लता दी ने लिया था इंटरव्यू
किशोर कुमार ने आखिरी समय पर मीडिया को इंटरव्यू देने से मना कर दिया था। आखिर में बहुत कहने के बाद उन्होंने बॉलीवुड की महान गायिका लता मंगेशकर को इंटरव्यू देने के लिए राजी हो गए थे। इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि 'आज में अपने करियर में एक ऐसे मकाम पर हूं जहां सब मुझे पूछ रहे हैं। मैं बस यहां से अब अपने घर खंडवा मध्यप्रदेश चले जाना चाहता हूं। मैंने बहुत कुछ किया है एक्टिंग, संगीत। बस अब मैं यहां से जाना चाहता हूं।'
आगे उन्होंने कहा कि एक कलाकार को करियर में ऐसे समय का इंतजार नहीं करना चाहिए जब उसे कोई पूछे न। वो अपने करियर में बिल्कुल नीचे हो और उसे कोई न जानता हो।
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