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इरफान खान ने लंदन से लिखा लेटर, लिखा- जिंदगी-मौत के बीच बस एक...

इरफान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है, जिसका इलाज वह लंदन में करा रहे हैं। उन्होंने खुद ट्विटर पर इस दुर्लभ बीमारी के बारे में बताया था।

Updated on: 19 Jun 2018, 11:52 AM

highlights

  • इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है, जिसका इलाज वह लंदन में करा रहे हैं
  • इस बीमारी से पहले वह आखिरी बार 'ब्लैकमेल' फिल्म में नजर आए थे
  • उनकी अपकमिंग मूवी 'कारवां' रिलीज के लिये तैयार है

मुंबई:

'अनिश्चितता में ही निश्चितता है', ऐसा इरफान खान का मानना है। बीमारी से जूझ रहे एक्टर ने ट्विटर अकाउंट पर अपने दर्द को बयां किया है। उन्होंने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को एक लेटर लिखा है, जिसमें पिछले कुछ दिनों से जिंदगी के साथ चल रहे संघर्ष को फैंस के साथ शेयर किया है।

इरफान ने लंदन से ही एक लेटर लिखा, 'एक वक्त गुजर चुका है, जब पता चला था कि मैं हाई-ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जूझ रहा हूं। मेरी डिक्शनरी में ये एक नया नाम है, जिसके बारे में मुझे बताया गया कि ये एक असाधारण बीमारी है। इस बीमारी के मामले कम सामने आते है, इसीलिए ट्रीटमेंट में अनिश्चितता की आशंका ज्यादा थी। मैं अब एक प्रयोग का हिस्सा बन चुका था।'

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51 साल के एक्टर ने लिखा, 'मैं एक तेज ट्रेन राइड का लुत्फ उठा रहा था, जहां मेरे सपने थे, प्लान्स थे, महत्वाकांक्षाएं थीं, लक्ष्य और उद्देश्य था, इन सब में पूरी तरह से बिजी था, तभी पता चला कि मैं एक अलग गेम में फंस चुका हूं। अचानक किसी ने मेरे कंधे पर थपथपाया। मैंने मुड़कर देखा तो वह टीसी था। उसने कहा कि आपकी मंजिल आ गई है, कृप्या उतर जाइए। मैं हैरान सा था और सोच रहा था कि मेरी मंजिल तो अभी नहीं आई है। फिर वह बोला कि नहीं, यही है। जिंदगी कभी-कभी ऐसी ही होती है।'

इरफान ने लिखा, 'इस चीज ने मुझे अहसास कराया कि आप समंदर की तेज लहरों में तैरते हुए एक छोटे-से कॉर्क की तरह हैं। आप इसे कंट्रोल करने के लिए बैचेन रहते हैं। मैं इस उथल-पुथल में अपने बेटे से कह रहा था कि सिर्फ एक ही चीज, जो मुझे अपने आप से चाहिए। मुझे मजबूत रहकर पैरों पर खड़े रहने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया तो डर और घबराहट मुझ पर हावी हो जाएगा और मेरी जिंदगी तकलीफदेह हो जाएगी।'

इरफान ने लिखा है, 'जैसे ही मैं हॉस्पिटल के अंदर जा रहा था, मैं खत्म हो रहा था। कमजोर पड़ रहा था। मुझे इसका अहसास तक नहीं था कि मेरे हॉस्पिटल के ठीक सामने लॉर्ड्स स्टेडियम है। इस दर्द के बीच मैंने विवियन रिचर्ड्स का पोस्ट देखा। कुछ भी महसूस नहीं हुआ, क्योंकि अब मैं इस दुनिया से साफ अलग था।'

'हॉस्पिटल में मेरे ठीक ऊपर कोमा वार्ड था। एक बार हॉस्पिटल रूम की बालकनी में खड़ा था और अजीब स्थिति ने मुझे झकझोर दिया। जिंदगी और मौत के बीच बस एक सड़क है, जिसके एक तरफ हॉस्पिटल है और दूसरी तरफ स्टेडियम। दोनों ही किसी निश्चित नतीजे का दावा नहीं कर सकते हैं।'

इरफान ने लेटर में लिखा है, 'दुनिया में सिर्फ एक चीज ही निश्चित है और वह है अनिश्चितता। मुझे नहीं पता कि अब 8 महीने, 4 महीने या दो साल बाद जिंदगी मुझे कहां ले जाएगी। मुझे अब किसी चीज के लिए चिंता नहीं है। मैंने पहली बार जिंदगी का स्वाद चखा है।'

'दुनियाभर में लोगों ने मेरा भला चाहा। मेरे लिए प्रार्थना की। मुझे लगा कि सभी दुआएं एक बन गईं। इन दुआओं से मेरे अंदर बहुत खुशी और उत्सुकता आ गई। वास्तव में आप जिंदगी को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। आप प्रकृति के पालने में झूल रहे हैं।'

इस बीमारी से जूझ रहे हैं इरफान

गौरतलब है कि इरफान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है, जिसका इलाज वह लंदन में करा रहे हैं। उन्होंने खुद ट्विटर पर इस दुर्लभ बीमारी के बारे में बताया था। इरफान ने यह भी कहा था कि वह ठीक होकर जल्द वापसी करेंगे। 

इन फिल्मों में कर चुके हैं काम

इरफान ने 'हिंदी मीडियम', 'करीब करीब सिंगल', 'पीकू', 'लंच बॉक्स', 'मदारी' और 'लाइफ ऑफ पाई' जैसी शानदार फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। बीमारी से पहले वह आखिरी बार 'ब्लैकमेल' में नजर आए थे, जबकि उनकी अपकमिंग मूवी 'कारवां' रिलीज के लिये तैयार है।

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