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दीपिका ने फिल्म रिलीज पर तोड़ी चुप्पी, कहा-पद्मावती को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता

फिल्म पद्मावती की रिलीज को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

Updated on: 14 Nov 2017, 05:04 PM

नई दिल्ली:

फिल्म पद्मावती की रिलीज को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विरोध प्रदर्शन के बावजूद फिल्म में 'पद्मावती' बनी दीपिका पादुकोण ने कहा है कि इस फिल्म को कोई भी रिलीज होने से नहीं रोक सकता है।

दीपिका ने कहा, 'हम सेंसर बोर्ड के प्रति जवाबदेह हैं। सेंसर बोर्ड ने इसे पास कर दिया है। मेरा विश्वास है कि अब इस फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता।'

दीपिका पादुकोण ने फिल्म के विरोध को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा, 'पूरी फिल्म इंडस्ट्री इस मुद्दे पर साथ है जो कि बताता कि यह सिर्फ पद्मावती की ही बात नहीं है। हम इससे भी बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं।'

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संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म पद्मावती में दीपिका पादुकोण लीड रोल 'पद्मावती' का किरदार निभा रही हैं। दीपिका ने कहा कि पद्मावती फिल्म का जिस तरह विरोध किया जा रहा है वह बेहद डराने वाला है और नि:संदेह भयभीत करने वाला है।

दीपिका ने सवाल भी किया, 'हमें ये खुद से पूछना चाहिए कि हमने अपने आप को कैसा बना लिया है? एक देश के रुप में हम ये कहां पहुंच गए हैं?' वहीं फिल्म के बारे में बात करते हुए दीपिका ने कहा कि ऐसा बहुत कम देखने को मिलते है जब फिल्म में दो बड़े अभिनेता मौजूद हो उसके बावजूद फिल्म का लीड रोल एक अभिनेत्री कर रही हो।

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दीपिका ने कहा, 'एक महिला के रूप में मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर और इस कहानी को दुनिया को बताने के लिहाज से बेहद गर्व महसूस कर रही हूं। यह एक ऐसी कहानी है जिसे जरूर बताया जाना चाहिए।'

आपको बता दें कि गुजरात के प्रदेश उपाध्यक्ष आईके जडेजा ने सेंसर बोर्ड, केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से फिल्म की रिलीज का विरोध किया था। जडेजा का कहना था कि गुजरात के 15-16 जिलों के राजपूत समाज ने पार्टी से इस फिल्म को बैन कराए जाने की मांग की थी।

बीजेपी ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को चिट्ठी भी लिखी। कहा कि यह फिल्म क्षेत्रीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए। पार्टी की दलील है कि ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और किसी भी तरह की तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचा जा सकेगा।

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