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Birthday Special: 'कामसूत्र' से लेकर 'उत्सव' में दिखा रेखा का बोल्ड अंदाज

रेखा की आंखों में गिर कर उठने की कैफियत थी। जिंदगी लोगों को हिलाकर रख देती है। इंसान बार बार गिरता है, मगर जब तक वो हर बार उसी ताकत से ना उठे, उसके अंदर जीने का अंदाज पैदा नहीं होता।

Updated on: 10 Oct 2017, 07:50 AM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड की सदाबहार, जिंदादिल और बेधड़क अभिनेत्री रेखा आज 63 साल की हो गई हैं। अपनी लाजवाब अदाकारी के दमपर कई सालों तक इंडस्ट्री को सुपरहिट फिल्में देने और नये कीर्तिमान स्थापित करने वाली रेखा के सामने आज भी कई हिरोइनें फीकी लगती हैं।

फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली ने रेखा की तारीफ में कुछ ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल किया है, जो उनके सौंदर्य में चार चांद लगाते हैं। उनके जन्मदिन पर यदि इसका जिक्र नहीं किया गया, तो वह उनके साथ बेमानी होगी।

मशहूर लेखक यासिर उस्मान ने जब मुजफ्फर अली से पूछा, 'आपने 'उमराव जान' में रेखा को ही मुख्य भूमिका क्यों दी, जबकि उस दौर की सबसे सफलतम अभिनेत्रियों में शुमार स्मिता पाटिल का विकल्प आपके पास था।'

इस प्रश्न के जवाब में निर्देशक ने कहा, 'रेखा की आंखों में गिर कर उठने की कैफियत थी। जिंदगी लोगों को हिलाकर रख देती है। इंसान बार-बार गिरता है, मगर जब तक वो हर बार उसी ताकत से ना उठे, उसके अंदर जीने का अंदाज पैदा नहीं होता। टूटकर बिखरने के बाद वापस संभलने की इसी ताकत का एहसास रेखा की आंखों में था।'

मुजफ्फर अली जिस एहसास का यहां जिक्र कर रहे थे, वो शायद रेखा के अतीत के पन्नों से जुड़ा था, जिसने अपने कड़े परिश्रम और लगन से दुखनुमा अंगारों को फूलों में तब्दील कर दिया था।

10 अक्टूबर, 1954 को चेन्नई (मद्रास) में जन्मी रेखा (मूल नाम भानुरेखा गणेशन) को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता जैमिनी गणेशन अभिनेता और मां पुष्पावली जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थीं।

रेखा इंडस्ट्री में अपने बेबाक बोल, सेक्स पर खुले विचार और अपनी कन्ट्रोवर्शियल लाइफ को लेकर अकसर सुर्खियों में रहीं। हालांकि आज रेखा कायमाबी के उस पर शिखर पर हैं, जहां हर किसी के लिए पहुंचना नामुमकिन है।

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रेखा ने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ा संघर्ष किया, अपने परिवार को पालने के लिए वो फिल्में भी की, जो उनके करियर के लिए मील का पत्थर तो नहीं, लेकिन रोड़ा जरूर साबित हुईं। इस सफल हीरोइन ने कई फिल्मों में बोल्ड किरदार निभाएं है, जो उनके सिवा शायद ही कोई निभा पाता।

आइये आज हम आपको रेखा की उन फिल्मों के बारे में बताते हैं, जिनमें रेखा ने बेहद बोल्ड सीन्स देते हुए किसी की भी परवाह नहीं की।

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1. 'उत्सव'
1. 'उत्सव'

साल 1984 में आई निर्देशक गिरीश कर्नाड की फिल्म 'उत्सव' में रेखा ने की लीड रोल निभाया था। रेखा इसमें वसंतसेना नाम की एक ऐसी महिला का किरदार निभाती हैं, एक गरीब आदमी से रिश्ता बनाती है। इस फिल्म में शेखर सुमन और रेखा के बोल्ड सीन हैं। फिल्म को शशि कपूर ने प्रोड्यूस किया था, लेकिन यह बॉक्स आॅफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी और इसके लिए रेखा को भी आलोचना का शिकार होना पड़ा।

2. 'कामसूत्र' ए टेल आॅफ लव
2. 'कामसूत्र' ए टेल आॅफ लव

साल 1996 में आई फिल्म 'कामसूत्र' में रेखा ने कामसूत्र पढ़ाने वाली टीचर का रोल किया। रेखा से बेहतर शायद ही कोई यह रोल कर पाता। लेकिन रेखा अभिनीत यह एक ऐसी बोल्ड सीन्स से भरी मूवी थी, जो कभी रिलीज नहीं हो पाई। इसे मीरा नायर ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था।

3. आस्था
3. आस्था

बासु भट्टाचार्य के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म में रेखा ने अभिनेता ओम पुरी के साथ कई बोल्ड सीन्स दिये थे।

4. 'घर'
4. 'घर'

निर्देशक मानिक चटर्जी की फिल्म 'घर' में रेखा और विनोद मेहरा मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म विकास (विनोद मेहरा) की पत्नी आरती (रेखा) के साथ गैंगरेप हो जाता है। इसके बाद वह किन प​रिस्थितियों से गुजरती हैं, यह दिखाया गया है। रेखा ने इस रोल को बखूबी निभाया था।

5. 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी'
5. 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी'

रेखा और अक्षय कुमार ने फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' फिल्म में कई बोल्ड सीन दिए। रेखा ने इसमें एक लेडी डॉन का रोल निभाया था, जो अपनी बहन के प्रेमी से ही प्यार कर बैठती है। इस फिल्म के बाद अक्षय और रेखा के साथ होने की भी अफवाहें भी उड़ी थीं।
रेखा का जीवन बचपन से ही मुश्किलों भरा रहा, उनके ​पिता ने उन्हें स्वीकार करने से इंकार कर दिया। स्कूल जाने की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में झोंक दिया गया। महज चौदह वर्ष की कम उम्र में उन्हें चुबंन दृश्य के लिए मजबूर किया गया। बचपन से लेकर जवानी तक रेखा का कड़वे अनुभवों ने पीछा नहीं छोड़ा। लेकिन रेखा की आंखों की चमक और कैमरे के सामने उनके आत्मविश्वास के बल पर रेखा ने इंडस्ट्री में जो मुकाम ​हासिल किया है, ये पितृसत्तात्मक समाज में एक महिला के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।