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CBFC की आपत्ति के बाद इफ्फी में नहीं दिखाई गई 'एस दुर्गा', आईएफएफके में होगी स्क्रीनिंग

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी ) के मलयालम फिल्म 'एस दुर्गा' के टाइटल पर आपत्ति के बाद इफ्फी में नहीं दिखाई गई।

Updated on: 28 Nov 2017, 09:36 PM

पणजी:

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के मलयालम फिल्म 'एस दुर्गा' के नए शीर्षक से संबंधित मुद्दा उठाए जाने पर इसे 48वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में प्रदर्शित नहीं किया गया। 

इफ्फी के निदेशक सुनीत टंडन ने कहा कि फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित नहीं हो सकी, जिसका मंगलवार को समापन हो गया।

टंडन ने शशिधरन को लिखे पत्र में कहा है, 'जूरी द्वारा फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद फिल्म के शीर्षक के संबंध में प्रमाणीकरण से संबंधित कुछ मुद्दे उठाए गए थे। यह स्पष्टीकरण के लिए सीबीएफसी के पास भेजा गया । सीबीएफसी के आदेश के नतीजे के रूप में इस मुद्दे का समाधान होने तक फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकती।'

इस फिल्म को एक अन्य फिल्म 'न्यूड' के साथ इफ्फी में नहीं दिखाने का फैसला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लिया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। 

शशिधरन ने न्याय पाने के लिए पिछले हफ्ते केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया। न्यायालय ने जूरी के लिए फिल्म का सेंसर किया हुआ संस्करण प्रदर्शित किए जाने के बाद इफ्फी को महोत्सव में फिल्म की स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जूरी ने सोमवार रात को फिल्म की स्क्रीनिंग के पक्ष में 7-4 से वोट दिए।

सीबीएफसी ने अब कहा है कि फिल्म के शीर्षक में बदलाव कर 'सेक्सी दुर्गा' से 'एस दुर्गा करने' और इसके बाद 'एस (फिर तीन हैशटैग के चिन्ह) दुर्गा' किए जाने में समस्या है और सोमवार को इसे देखने वाली इंडियन पैनोरमा जूरी के सदस्यों ने शीर्षक में बदलाव को लेकर आपत्ति की है। 

फिल्म को नहीं दिखाए जाने के खिलाफ शशिधरन और फिल्म में भूमिका निभाने वाले कनन नायर ने इफ्फी स्क्रीनिंग के स्थल के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया।

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केरल महोत्सव में दिखाई जाएगी

फिल्म के शीषर्क पर विरोध झेल रही 'एस दुर्गा' भले ही इफ्फी का हिस्सा ना बन पाई हो पर इसे अंतर्राष्ट्रीय केरल फिल्म महोत्सव (आईएफएफके)  में दिखाया जाएगा। एकेडमी के अध्यक्ष मशहूर निर्देशक कमल ने बताया कि उन लोगों ने 'एस दुर्गा' की स्पेशल स्क्रीनिंग करने का फैसला किया है। 

कमल ने कहा, 'यह फिल्म मूल रूप से हमारे द्वारा चुनी गई थी, लेकिन बाद में शशिधरन ने इसे वापस ले लिया क्योंकि वह जिस श्रेणी के अंतगर्त इसे दिखाना चाहते थे, उसमें इसे शामिल नहीं किया गया था। अब गोवा में आयोजित इफ्फी (अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव) में हुए विवाद के मद्देनजर, जिसे हम एक राजीनतिक मुद्दे के रूप में देखते हैं, हमने राजनीतिक रुझानों के दबावों में नहीं झुकने और फिल्म की स्क्रीनिंग करने का फैसला किया है।'

IFFI के ज्यूरी का मिला था समर्थन

48वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (आईआईएफआई) के इंडियन पैनोरमा की जूरी के प्रमुख सुजॉय घोष ने फिल्म 'सेक्सी दुर्गा' व 'न्यूड' को महोत्सव से बाहर करने के फैसले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं जूरी में शामिल निशिकांत कामत, निखिल आडवाणी, अपूर्व असरानी, रुचि नारायण और ज्ञान कोरिआ ने मंत्रालय के इस कदम पर असंतोष व्यक्त किया है।

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क्या है कहानी
राजश्री देशपांडे और कन्नन नायर अभिनीत 'सेक्सी दुर्गा' एक ऐसी फिल्म है, जिसमें यह दिखाया गया है कि एक पुरुष प्रधान समाज में जुनून और पूजा कैसे तेजी से उत्पीड़न और शक्ति के दुरुपयोग की मानसिकता पैदा करती है।

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