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जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी ने एक सुर में किया SC के तीन तलाक पर फैसले का स्वागत

सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक पर दिए गए फैसले का बिहार के राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है।

Updated on: 22 Aug 2017, 08:00 PM

highlights

  • आरजेडी, बीजेपी और जेडीयू ने किया तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत
  • सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए तीन तलाक को 'असंवैधानिक' व 'मनमाना' करार दिया

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक पर दिए गए फैसले का बिहार के राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक के फैसला का स्वागत करते हुए कहा, 'अदालत ने तीन तलाक को खारिज कर दिया है। अब संसद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कानून बनाना है। अब देखना होगा कि मुस्लिम समुदाय के भाई-बहनों के लिए वे क्या सोचते हैं? अब तो गेंद प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार के पाले में है। देखते हैं, ये कैसा कानून बनाते हैं।'

इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह फैसला करोड़ों मुस्लिम महिलाओं के हक में है। उन्होंने कहा, 'यह फैसला स्वागत योग्य है। तमाम राजनीतिक दलों को इसे सकारात्मक रूप में लेते हुए इसका स्वागत करना चाहिए और उस पर किसी तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए।'

उन्होंने कहा कि इस फैसले से महिलाएं सशक्त होंगी।

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इधर, जनता दल (युनाइटेड) ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। जद (यू) के वरिष्ठ नेता और महासचिव क़े सी़ त्यागी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। अब केंद्र सरकार को सभी धार्मिक संगठनों, सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर ऐसा कानून बनाना चाहिए, जो किसी को थोपा हुआ जैसा न लगे।'

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला देते हुए तीन तलाक को 'असंवैधानिक' व 'मनमाना' करार देते हुए कहा कि यह 'इस्लाम का हिस्सा नहीं' है। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दो के मुकाबले तीन मतों से दिए अपने फैसले में कहा कि तीन तलाक को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त नहीं है।

न्यायालय ने अगले छह माह के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने मतभेदों को भूलकर इससे संबंधित कानून बनाएं।

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