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गुजरात चुनाव के बाद अलग पार्टी बनाएंगे शरद यादव, अगले सप्ताह करेंगे ऐलान

शरद यादव गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद नए दल का गठन करेंगे। एक सप्ताह के अंदर शरद यादव पार्टी के नाम और चिन्ह की घोषणा करेंगे।

Updated on: 27 Nov 2017, 10:18 PM

highlights

  • गुजरात चुनाव के बाद शरद यादव बनाएंगे नई पार्टी
  • एक सप्ताह के अंदर पार्टी के नाम का करेंगे ऐलान

नई दिल्ली:

जेडीयू में दो फाड़ होने के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने अब खुद की नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। शरद यादव गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद नए दल का गठन करेंगे। एक सप्ताह के अंदर शरद यादव पार्टी के नाम और चिन्ह की घोषणा करेंगे।

शरद यादव गुट का समर्थन करने वाले जेडीयू के एक नेता ने इसकी जानकारी दी है। पार्टी महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा, 'यादव के नेतृत्व में जेडीयू का एक गुट नवगठित क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय ट्राइबल पार्टी के बैनर तले कांग्रेस के साथ गठबंधन में गुजरात की 182 में से सात सीटों पर चुनाव लड़ेगा।'

श्रीवास्तव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद कहा, 'सभी सात उम्मीदवारों का चुनाव चिन्ह 'ऑटो रिक्शा' होगा।' बैठक में शरद यादव और पार्टी के राज्यसभा सदस्य अली अनवर भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव गुजरात में 4 दिसंबर को इन सात उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को चुनाव होंगे।

यह घोषणा शरद यादव और नीतीश कुमार के औपचारिक रूप से अलग होने का प्रतीक है। नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए श्रीवास्तव ने कहा, 'वह भारतीय जनता पार्टी की 'बी' टीम बन गए हैं।'

नीतीश कुमार के गुट को 17 नवंबर को असली जेडीयू के रूप में मान्यता और 'तीर' का चुनाव चिन्ह देने के बाद शरद यादव के गुट ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी।

श्रीवास्तव ने कहा, 'चुनाव आयोग के आदेश के बाद गुजरात के चगड़िया के विधायक छोटूभाई ए वासवा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। शरद यादव गुट ने तमिलनाडु के नेता के. राजशेखरन को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और सासंद नागागौडा को उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।'

इससे पहले, बैठक में समर्थकों को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि भले ही गुट अदालत में चुनाव आयोग के फैसले खिलाफ लड़े, आप प्रस्तावित पार्टी के माध्यम से राजनीति में आगे बढ़ें। उन्होंने नीतीश कुमार पर बिहार के 11 करोड़ लोगों के विश्वास को तोड़ने का भी आरोप लगाया।