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चारा घोटाला: पूर्व CM लालू यादव का नया पता- बिरसा मुंडा जेल, कैदी नंबर 3351

बिहार के चर्चित चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। उन्हें रांची के बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है।

Updated on: 24 Dec 2017, 05:17 AM

highlights

  • चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद बिरसा मुंडा जेल में हैं लालू यादव
  • लालू यादव यहां कैदी नंबर 3351 के रूप में रहेंगे
  • सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में लालू को दोषी करार दिया

नई दिल्ली:

बिहार के चर्चित चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। उन्हें रांची के बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है। लालू यादव यहां कैदी नंबर 3351 के रूप में रहेंगे।

यह तीसरी बार है जब लालू रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल (होटवार जेल) में हैं।  इससे पहले जब वह 30 सितंबर, 2013 को चारा घोटाला के एक मामले में होटवार जेल गए थे, तब उन्हें कैदी नंबर 3312 मिला था

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष को एक नंबर वार्ड में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें पालक की सब्जी और रोटी दिया गया। वह जेल में बेहद शांत रहे और ज्यादा किसी से बात नहीं की।

जेल जाने से पहले लालू यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'आप परेशान कर सकते हैं, लेकिन पराजित नहीं कर सकते।'

लालू ने खुद को 'गुदड़ी का लाल' बताते हुए इशारों ही इशारों में बीजेपी को चुनौती देते हुए ट्वीट किया, 'ये सुनो कान खोलकर, आप इस गुदड़ी के लाल को परेशान कर सकते हो, पराजित नहीं। झूठे जुमले बुनने वालों, सच अपनी जिद पर अड़ा है। धर्मयुद्ध में लालू अकेला नहीं, पूरा बिहार साथ खड़ा है।'

आपको बता दें कि लालू प्रसाद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में शनिवार को दोषी करार दिया। अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और अन्य छह आरोपियों को इसी मामले में बरी कर दिया।

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सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह तीन जनवरी को इस मामले में सजा सुनाएंगे। यह मामला देवघर के जिला कोषागार से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये निकालने से जुड़ा हुआ है। मामले की सुनवाई रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 13 दिसंबर को पूरी कर ली थी।

इस पूरे मामले में कुल 34 आरोपी थे, जिनमें से 11 की मौत हो चुकी है। जबकि एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और सीबीआई का गवाह बन गया।

सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ आरजेडी हाईकोर्ट जाएगी। आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, 'जिस व्यक्ति ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई और मामले को सामने लाया, उसे ही दोषी करार दिया गया।

यह मामला 'ट्रैजडी ऑफ एर्स' है। पिछड़ी जाति के नेताओं को 'टारगेट' किया जा रहा है। हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे। हमें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है।'

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