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बिहार: शराबबंदी कानून में होगा बदलाव, मॉनसून सत्र में नीतीश सरकार लाएगी संशोधन विधेयक

बिहार सरकार राज्य में लागू शराबबंदी कानून में बदलाव करने जा रही है। आगामी मॉनसून सत्र में सरकार इसके लिए संशोधन प्रस्ताव पेश करने वाली है।

Updated on: 11 Jul 2018, 09:23 PM

पटना:

बिहार सरकार राज्य में लागू शराबबंदी कानून में बदलाव करने जा रही है। आगामी मॉनसून सत्र में सरकार इसके लिए संशोधन प्रस्ताव पेश करने वाली है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बुधवार को हुई बैठक में बिहार में लागू शराबबंदी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

बिहार मंत्रिमंडल के सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा, 'बिहार सरकार आगामी मॉनसून सत्र में राज्य विधानसभा में शराबबंदी अधिनियम पर एक संशोधन कानून प्रस्तुत करेगी।'

मंत्रिपरिषद की बैठक में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया, जिसके तहत अब शराब बरामदगी के बाद घर, वाहन और जमीन को जब्त नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा बिहार राज्य मद्य निषेध संशोधन विधेयक में संशोधन द्वारा सजा के कई सख्त प्रावधानों को लचीला किया जाएगा।

बता दें कि राज्य में अप्रैल 2016 में सख्त शराबबंदी कानून लागू करने के बाद पहली बार नीतीश सरकार इस कानून में बदलाव करने वाली है।

इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा था, 'राज्य में लागू बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 के प्रावधानों की समीझा कर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। लोगों को इस कानून के कारण कष्ट नहीं झेलने पड़े, इसके लिए उपाय किए जा रहे हैं।'

उन्होंने कहा था कि शराबबंदी कानून में जो भी सुधार की गुंजाइश होगी, उस पर मंथन कर उसे सुधारा जाएगा।

शराबबंदी के कारण अधिकारियों खासकर पुलिस विभाग के अधिकारियों के चांदी काटे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी है।

नीतीश ने कहा था कि शराब के कारोबार से जुड़े लोगों को रोजगार के मौके उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी।

गौरतलब है कि बिहार के शराबबंदी कानून में कड़े सजा के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और नशे में पकड़े जाने पर न्यूनतम एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है।

नीतीश सरकार शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर रही है। इस कड़े कानून के कारण राज्य में हजारों लोगों को जेल जाना पड़ा है।

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